नई दिल्ली: भारत में कोरोना के मरीजों की संख्या 9 लाख तक पहुंचने वाली है. इनमें से साढ़े पांच लाख लोग रिकवर भी कर चुके हैं. उसके बावजूद प्लाज्मा डोनर ढूंढने पर नहीं मिलते. कोरोना से रिकवर कर चुके ऐसे लोगों को लोकेश पटवाल से मिलना चाहिए.
47 साल के लोकेश पटवाल और उनके 18 साल के बेटे ध्रुव ने आज एम्स में जाकर एक साथ डोनेशन किया.
पिता लोकेश ने ब्लड डोनेट किया जबकि बेटे ध्रुव ने प्लाज्मा डोनेट किया हम आपको बता दें कि 18 वर्ष की उम्र के बाद ही प्लाज्मा डोनेट किया जा सकता है इस लिहाज से ध्रुव सबसे कम उम्र के प्लाज्मा डोनर भी हैं।
लोकेश पटवाल एम्स में ओटी टेक्नीशियन हैं. इनकी पत्नी की मृत्यु हो चुकी है और अपने इकलौते बेटे ध्रुव का यह खास ख्याल रखते हैं.
31 मई को 18 साल के ध्रुव को बुखार हुआ तो एम्स की वेटिंग लिस्ट के चक्कर में न पड़ते हुए लोकेश पटवाल ने अपने बेटे का टेस्ट एक प्राइवेट लैब से करवा लिया रिजल्ट पॉजिटिव आया तो उसके बाद एम्स में अपना भी टेस्ट करवा लिया. लोकेश की 80 वर्ष की माताजी भी उनके साथ रहती हैं उनका टेस्ट नेगेटिव आया.
6 जून को पिता और पुत्र दोनों एम्स में कोरोना वायरस वॉर्ड में भर्ती हो गए. 13 जून को दोनों को छुट्टी दे दी गई.
आज यानी 13 जुलाई को 1 महीना पूरा होते ही दोनों ब्लड डोनेशन के लिए पहुंच गए.
26 जून को पिता लोकेश पटवाल ने एम्स ट्रॉमा सेंटर में वापस ड्यूटी भी जॉइन कर ली. खुद कोरोना को हराने के बाद अब वह एम्स में भर्ती कोरोना वायरस मरीजों का हौसला भी बढ़ाते हैं और उन्हें बताते हैं कि डरने की कोई बात नहीं है. बेटा ध्रुव 18 साल की उम्र में कोरोना को हराने के बाद अब प्लाज्मा डोनेट करके बहुत खुश है. पिता और पुत्र दोनों ने तय किया है कि एक महीने बाद यह फिर से प्लाज्मा डोनेट करेंगे.
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