इफ्ता विभाग के मुफ्तियों ने कहा कि कोरोना के टेस्ट के लिए हलक (मुंह) या नाक में रुई लगी जो स्टिक डाली जाती है, उस पर कोई केमिकल या दवा लगी नहीं होती. यह एक बार ही मुंह में डाली जाती है. इसलिए कोरोना टेस्ट के लिए सैंपल देने से रोजेदारों का रोजा नहीं टूटेगा.

दारुल उलूम देवबंद.