रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को कहा कि दूसरे राज्यों में फंसे श्रमिकों को लाने के लिए राज्य सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है. प्रवासी श्रमिकों को लाने के लिए हवाईजहाज का भी इस्तेमाल किया जाएगा, इसके लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय से अनुमति मांगी गई है.
रांची में मीडिया से चर्चा करते हुए सोरेन ने कहा कि दूसरे राज्यों में फंसे श्रमिकों को लाने के लिए राज्य सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है और इसके लिए सभी जरूरी संसाधनों का इस्तेमाल किया जा रहा है.
मुख्यमंत्री ने कहा, “प्रवासी श्रमिकों को लाने के लिए हवाईजहाज का भी इस्तेमाल किया जाएगा. इसके लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय से अनुमति मांगी गई है.”
सोरेन ने कहा कि विशेष ट्रेनों और बसों से प्रवासी श्रमिकों, विद्यार्थियों और अन्य लोगों को वापस लाने का सिलसिला लगातार जारी है और यह प्रक्रिया तब तक चलेगी, जब तक सभी प्रवासी श्रमिक सुरक्षित घर नहीं आ जाते हैं.
इस बीच, मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर बताया कि झारखंड सरकार ने अबतक 110 ट्रेनों को एनओसी दे दी है और 50 ट्रेनों में लगभग 60 हजार से ज्यादा श्रमिक घर लौट चुके हैं.
मुख्यमंत्री ने रेलमंत्री के एक ट्वीट को री-ट्वीट करते हुए लिखा, “झारखंड ने देश में सबसे पहले ट्रेन चलाने का आग्रह किया था. अब पुन: रेल मंत्रालय आपसे झारखंड के लिए अधिक से अधिक ट्रेन चलाने का अनुरोध करता हूं.
अभी प्रतिदिन 4 से 6 ट्रेनें झारखंड आ रही हैं जो राज्य के लगभग 7 लाख श्रमिकों को वापस लाने के लिए पर्याप्त नहीं हैं. आशा है कि आप इस मुद्दे पर ध्यान देते हुए राज्यवासियों की सहायता करेंगे.”
Input:-IANS